नमस्कार दोस्तों! प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें। आँखों के रोग कैसे दूर करें। आँखों से चश्मा कैसे हटाये। इस बारे में हम इस लेख में बात करेंगे।
ईश्वर ने हमें शरीर में जितने भी अंग दिए हैं उनमें सबसे खूबसूरत अंग है हमारी आंखें, जो कि हमारे चेहरे को भी खूबसूरत बनाती हैं लेकिन अगर इन आंखों पर चश्मा लगा हो या किसी तरह की कोई बीमारी हो तो यह आपकी खूबसूरती को बर्बाद कर देता है। तो क्यों ना हम इस ईश्वर के दिए गए वरदान को बनाए रखें और उसकी देखभाल करें। जिससे हमारे चेहरे की खूबसूरती हमेशा बनी रहे।
प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें?
आँखों के रोग कैसे दूर करें? आँखों से चश्मा कैसे हटाये?
दोस्तों नेत्र रोग को आप नेत्र व्यायाम के द्वारा भी ठीक कर सकते हैं घर से सुबह बाहर जाने के समय और शाम को वापस आने पर ठंडे पानी को मुंह भरकर ठंडे पानी से दोनों आंखों पर पानी के छींटे मारें और धीरे-धीरे मालिश करें।
कभी भी पीठ को हल्का झुका हुआ न रखें।मोटरसाइकिल पर बैठे हों या बाइक चला रहे हो या कहीं पर भी बैठे हो या खड़े हों या चल रहे हों आप हमेशा पीठ की हड्डी को सीधा रखें।
पढ़ाई करते समय, थिएटर में या टीवी देखते समय पलके बार-बार झपकाने से आँखों का अच्छा व्यायाम होता है।
इसके अलावा कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं पढ़ते समय या ऑफिस में काम करते समय या क्लास में अगर आपकी आंखें थक जाती हैं थोड़ा आराम करना चाहते हैं तो आंखों पर हथेली रखकर आराम करें जैसे आंखों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है।
हरे रंग की बोतल में पानी भरकर सूर्य की धूप में हल्का गर्म होने दें उसके बाद आंखों की पलकों(eye cup) में डालकर 5 से 6 बार आंखें बंद करें और खोलें। इसके अलावा आप सूर्य को देखें और सूर्य नमस्कार करें ऐसा करने से आंखों में तमाम तरह के रोग दूर होते हैं और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
पूर्णवासी को चंद्रमा को 15 मिनट तक देखें जिससे आंखों के तमाम तरह पुराने से पुराने रोग दूर हो जाते हैं।
सुबह सुबह हरी घास पर जिसपर ओस की बूंदें जमा हो जाती है नंगे पांव टहलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
गर्दन सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दांयी ओर और फिर बायीं ओर करें उसके बाद गर्दन को आगे फिर पीछे की ओर झुकें। आंखों की पुतलियां को दायी तरफ और फिर बायी तरफ करिए फिर एकदम नीचे धरती की ओर उसके बाद दोनों आंखों के बीच में और नाक के ऊपर ऊपर माथे के नीचे द सेंटर पॉइंट होता है वहां पर देखने की कोशिश करें।
इसीप्रकार आँखों की पुतलियों दायें से बाएं और बाएं से दायें गोल गोल घुमाएं। और फिर पुतलियों को ऊपर से नीचे फिर तिरछे कानों की ओर देखिए।
रोज सुबह सूरज के सामने बैठकर या दोनो पैरों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर खड़े होकर आंखें बंद करके दाएं बाएं बाएं से दायें घड़ी के पेंडुलम की तरह घूमे।
कानों, कनपटी, गर्दन, गाल, भोहों, सिर एवं पाँव आदि पर मालिश करने से नेत्र के तमाम तरह के रोग दूर हो जाते हैं। भोजन के बाद जब आप हाथ धुले तो गीले हाथों को आपस मे मलकर फिर अपनी आंखों पर मलने से तमाम तरह के आंखों के रोग दूर हो जाते हैं।
किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से आपको दी गई है। यह जानकारी ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन सोर्सेस पर आधारित है,धन्यवाद।
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ईश्वर ने हमें शरीर में जितने भी अंग दिए हैं उनमें सबसे खूबसूरत अंग है हमारी आंखें, जो कि हमारे चेहरे को भी खूबसूरत बनाती हैं लेकिन अगर इन आंखों पर चश्मा लगा हो या किसी तरह की कोई बीमारी हो तो यह आपकी खूबसूरती को बर्बाद कर देता है। तो क्यों ना हम इस ईश्वर के दिए गए वरदान को बनाए रखें और उसकी देखभाल करें। जिससे हमारे चेहरे की खूबसूरती हमेशा बनी रहे।
प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें?
आँखों के रोग कैसे दूर करें? आँखों से चश्मा कैसे हटाये?
दोस्तों नेत्र रोग को आप नेत्र व्यायाम के द्वारा भी ठीक कर सकते हैं घर से सुबह बाहर जाने के समय और शाम को वापस आने पर ठंडे पानी को मुंह भरकर ठंडे पानी से दोनों आंखों पर पानी के छींटे मारें और धीरे-धीरे मालिश करें।
कभी भी पीठ को हल्का झुका हुआ न रखें।मोटरसाइकिल पर बैठे हों या बाइक चला रहे हो या कहीं पर भी बैठे हो या खड़े हों या चल रहे हों आप हमेशा पीठ की हड्डी को सीधा रखें।
पढ़ाई करते समय, थिएटर में या टीवी देखते समय पलके बार-बार झपकाने से आँखों का अच्छा व्यायाम होता है।
इसके अलावा कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं पढ़ते समय या ऑफिस में काम करते समय या क्लास में अगर आपकी आंखें थक जाती हैं थोड़ा आराम करना चाहते हैं तो आंखों पर हथेली रखकर आराम करें जैसे आंखों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है।
हरे रंग की बोतल में पानी भरकर सूर्य की धूप में हल्का गर्म होने दें उसके बाद आंखों की पलकों(eye cup) में डालकर 5 से 6 बार आंखें बंद करें और खोलें। इसके अलावा आप सूर्य को देखें और सूर्य नमस्कार करें ऐसा करने से आंखों में तमाम तरह के रोग दूर होते हैं और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
पूर्णवासी को चंद्रमा को 15 मिनट तक देखें जिससे आंखों के तमाम तरह पुराने से पुराने रोग दूर हो जाते हैं।
सुबह सुबह हरी घास पर जिसपर ओस की बूंदें जमा हो जाती है नंगे पांव टहलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
गर्दन सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दांयी ओर और फिर बायीं ओर करें उसके बाद गर्दन को आगे फिर पीछे की ओर झुकें। आंखों की पुतलियां को दायी तरफ और फिर बायी तरफ करिए फिर एकदम नीचे धरती की ओर उसके बाद दोनों आंखों के बीच में और नाक के ऊपर ऊपर माथे के नीचे द सेंटर पॉइंट होता है वहां पर देखने की कोशिश करें।
इसीप्रकार आँखों की पुतलियों दायें से बाएं और बाएं से दायें गोल गोल घुमाएं। और फिर पुतलियों को ऊपर से नीचे फिर तिरछे कानों की ओर देखिए।
रोज सुबह सूरज के सामने बैठकर या दोनो पैरों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर खड़े होकर आंखें बंद करके दाएं बाएं बाएं से दायें घड़ी के पेंडुलम की तरह घूमे।
कानों, कनपटी, गर्दन, गाल, भोहों, सिर एवं पाँव आदि पर मालिश करने से नेत्र के तमाम तरह के रोग दूर हो जाते हैं। भोजन के बाद जब आप हाथ धुले तो गीले हाथों को आपस मे मलकर फिर अपनी आंखों पर मलने से तमाम तरह के आंखों के रोग दूर हो जाते हैं।
किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से आपको दी गई है। यह जानकारी ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन सोर्सेस पर आधारित है,धन्यवाद।
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