Thursday 12 March 2020

घरेलू उपचार द्वारा यौन रोगो का निवारण कैसे करे एवं वीर्य कैसे बढ़ाएं

वीर्य कैसे बढ़ाएं
सुबह नाश्ता में केला, 10 ग्राम देसी घी के साथ खाकर ऊपर से दूध पिए। दोपहर के बाद दो केले, आधा खजूर, एक चम्मच देसी घी खाकर ऊपर से दूध पिए। आपके वीर्य में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। दूध में शहद में मिलाकर पीने से वीर्य बढ़ता है

शुक्राणु कैसे बढ़ाए?
दूध वाले रोज दूध में उबालकर खाएं और दूध पीना शुक्राणुओं की संख्या अपने आप बढ़ने लगेगी।



मर्दाना शक्ति कैसे बढ़ाएं?
गर्म दूध में एक चम्मच घी मिलाकर रोज सोते समय 2-3 महीने तक पिए कुछ समय बाद प्रभाव अपने आप सामने दिखेगा।

दूध द्वारा यौनेच्छा को हम कैसे बढ़ाएं?
3 माह तक लगातार रात्रि को दूध पीने से यौनेच्छा  के साथ  काम क्रिया  की अवधि में भी वृद्धि होती है। 25 से 45 वर्ष के आयु के स्त्री पुरुषों केे लिए यह विधि काफी लाभदायक होगी।यौन एवं रति रोग विशेषज्ञ  डॉ वीरेंद्र सिंह के परीक्षण के अनुुुसार वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं पूर्ण रूप से स्वस्थ किंतु ठन्डेपन के शिकार अनेक जोड़ों को दूध सेवन के उपरांत यौन क्रिया के प्रति अति उत्साही पाया। इस नतीजे पर पहुंचे हैंं कि  दुुध पीना न केवल साथ शारिरिक दुर्बलता बल्कि योन संबंधी दुर्बलता के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।

Tuesday 10 March 2020

नमक हमारे शरीर को किस प्रकार प्रभावित करता है? और इसके दुष्परिणाम क्या हैं?

नमक ज्यादा खाने के दुष्परिणाम क्या हैं?
आवश्यकता से अधिक खाने पर आपकी पाचन प्रणाली को खराब कर देता है और पाचक रसों को भी खत्म कर देता है इसके अधिक सेवन से पाचन संस्थान को काफी नुकसान पहुंचता है पाचन संस्थान के नाजुक झिल्लियों में घाव भी हो सकते हैं। आपके शरीर में कई तरह के रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं।

अधिक नमक खाने से प्यास ज्यादा लगती है। जिससे गुर्दे  का कार्य बढ़ जाता है। उसे क्षति पहुंचती है जिससे गुर्दे के रोग हो जाते हैं। गुर्दे की क्षमता से अधिक मात्रा में नमक शरीर में पहुंचने पर पैरों के निचले भाग में यह जमा होकर सूजन एवं दर्द पैदा कर देता है। यह हृदय की गति और रक्तचाप को भी बढ़ाता है।

प्राचीन काल में चीन के लोग नमक का घोल पी कर आत्महत्या कर लिया करते थे। इसके विशैले प्रभाव से जानवर भी मर सकते हैं। इसके अधिक प्रयोग से कई व्यक्तियों के बाल गिर जाते हैं या फिर जल्दी सफेद भी हो जाते हैं। नमक के अधिक इस्तेमाल से पेशाब में एल्ब्यूमिन बढ़ जाता है। बहुत अधिक नमक वाली भूमि पर कोई पैदावार भी नहीं होती है इसके अधिक सेवन से कैंसर, मोटापा, मधुमेह, जुखाम अनिद्रा जैसे रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

नमक कौन सी बीमारियों में वर्जित है?
गठिया, दाद, खाज, सफेद कुष्ठ एवं अन्य चर्म रोग चेचक, जलोदर लीवर की खराबी, गुर्दे की बीमारी, पीलिया,रक्त विकार, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, निमोनिया, प्लूरिसी, ब्राइट टाइफाइड, दमा, बेहोशी, मरगी, पागलपन, हिस्टीरिया जैसी बीमारियों में नमक बंद कर दें तो जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।

छाती संबंधी सर्जरी के प्रमुख सर्जन Sayer Bach के अनुसार असाध्य रोग के 450 रोगियों को नमक इन भोजन करने पर चार को छोड़कर सभी पूरी तरह से ठीक हो गए।

दा न्यू डाइटेटिक्स के लेखक डॉ जे एच कैलाग के अनुसार शरीर में नमक जब अधिक संग्रहित हो जाता है तो अधिकांश व्यक्तियों में जलोदर के लक्षण सामने आ जाते हैं।

डॉक्टर लेस्से हेस्सेल की सलाह के अनुसार गर्भावस्था के अंतिम दिनों में नारी को नमक कम खाना चाहिए नमक से टखनों के चारों ओर ऐडेमा(तरल संचय) का खतरा बढ़ जाता है।

तो दोस्तों जैसा कि आपने इस लेख में पढ़ा कि नमक की ज्यादा मात्रा खाने से हमारे शरीर मे अनेक तरह की बीमारी हो सकती है। वहीं एक्सपर्ट नमक के बारे में कुछ सुझाव भी देते हैं।

किस प्रकार का नमक खाना हमारे शरीर के लिए लाभदायक है?

जार में पैकटों में बिकने वाला नमक खाने की बजाय अगर आप नमक के टुकड़ों को पीसकर कम मात्रा में ही खाएं। और धीरे धीरे इसे छोड़ने की कोशिश करें तो आपके शरीर मे बीमारियां कम होंगी।


किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से  आपको दी गई है। यह जानकारी  ऑनलाइन  अथवा ऑफलाइन  सोर्सेस पर  आधारित है,धन्यवाद।

Saturday 7 March 2020

नेत्र रोग को दूर करने के लिए आंखों का व्यायाम कैसे करें?

नमस्कार दोस्तों! प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें। आँखों के रोग कैसे दूर करें। आँखों से चश्मा कैसे हटाये। इस बारे में हम इस लेख में बात करेंगे।

How-To-Remove-Spectacles-From-Your-Eyes?

ईश्वर ने हमें शरीर में जितने भी अंग दिए हैं उनमें सबसे खूबसूरत अंग है हमारी आंखें,  जो कि हमारे चेहरे को भी खूबसूरत बनाती हैं लेकिन अगर इन आंखों पर चश्मा लगा हो या किसी तरह की कोई बीमारी हो तो यह आपकी खूबसूरती को बर्बाद कर देता है। तो क्यों ना हम इस ईश्वर के दिए गए वरदान को  बनाए रखें  और उसकी देखभाल करें। जिससे हमारे चेहरे की खूबसूरती हमेशा बनी रहे।



प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें?
आँखों के रोग कैसे दूर करें? आँखों से चश्मा कैसे हटाये?

दोस्तों नेत्र रोग को आप नेत्र व्यायाम के द्वारा भी ठीक कर सकते हैं घर से सुबह बाहर जाने के समय और शाम को वापस आने पर ठंडे पानी को मुंह भरकर ठंडे पानी से दोनों आंखों पर पानी के छींटे मारें और धीरे-धीरे मालिश करें।

कभी भी पीठ को हल्का झुका हुआ न रखें।मोटरसाइकिल पर बैठे हों या बाइक चला रहे हो या कहीं पर भी बैठे हो या खड़े हों या चल रहे हों आप हमेशा पीठ की हड्डी को सीधा रखें।
पढ़ाई करते समय, थिएटर में या टीवी देखते समय पलके बार-बार झपकाने से आँखों का अच्छा व्यायाम होता है।



इसके अलावा कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं पढ़ते समय या ऑफिस में काम करते समय या क्लास में  अगर आपकी आंखें थक जाती हैं थोड़ा आराम करना चाहते हैं तो आंखों पर हथेली रखकर आराम करें जैसे आंखों की  अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है।

हरे रंग की बोतल में पानी भरकर सूर्य की धूप में हल्का गर्म होने दें उसके बाद आंखों की पलकों(eye cup) में डालकर 5 से 6 बार आंखें बंद करें और खोलें। इसके अलावा आप सूर्य को देखें और सूर्य नमस्कार करें ऐसा करने से आंखों में तमाम तरह के रोग दूर होते हैं और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

पूर्णवासी को चंद्रमा को 15 मिनट तक देखें जिससे आंखों के तमाम तरह पुराने से पुराने रोग दूर हो जाते हैं।

How-To-Remove-Spectacles-By-Walking?


सुबह सुबह हरी घास पर जिसपर ओस की बूंदें जमा हो जाती है नंगे पांव टहलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

गर्दन सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दांयी ओर और  फिर बायीं ओर करें उसके बाद गर्दन को आगे फिर पीछे की ओर झुकें। आंखों की पुतलियां को दायी तरफ और फिर बायी तरफ करिए फिर एकदम नीचे धरती की ओर उसके बाद दोनों आंखों के बीच में और नाक के ऊपर ऊपर माथे के नीचे द सेंटर पॉइंट होता है वहां पर देखने की कोशिश करें।

इसीप्रकार आँखों की पुतलियों दायें से बाएं और बाएं से दायें गोल गोल घुमाएं। और फिर पुतलियों को ऊपर से नीचे फिर तिरछे कानों की ओर देखिए।

How-To-Take-Care-Your-Eyesight?


रोज सुबह सूरज के सामने बैठकर या दोनो पैरों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर खड़े होकर आंखें बंद करके दाएं बाएं बाएं से दायें घड़ी के पेंडुलम की तरह घूमे।

कानों, कनपटी, गर्दन, गाल, भोहों, सिर एवं पाँव आदि पर मालिश करने से नेत्र के तमाम तरह के रोग दूर हो जाते हैं। भोजन के बाद जब आप हाथ धुले तो गीले हाथों को आपस मे मलकर फिर अपनी आंखों पर मलने से तमाम तरह के आंखों के रोग दूर हो जाते हैं।

किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से  आपको दी गई है। यह जानकारी  ऑनलाइन  अथवा ऑफलाइन  सोर्सेस पर  आधारित है,धन्यवाद।


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नेत्र रोग और नेत्र रोग को दूर करने के उपाय तथा आंखों से चश्मा कैसे उतारे

नमस्कार दोस्तों आंखें हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं यह ईश्वर का दिया हुआ वह वरदान है  जिसके बिना हमारा जीवन अधूरा है अगर किसी वजह से हम इसे गंवा दें या फिर इसकी सही देखभाल नहीं कर पाते हैं तो हमारा बाकी जीवन व्यर्थ हो जाता है या अंधेरे में चला जाता है। तो जब इतनी कीमती हैं हमारी आंखें तो क्यों ना हम इसकी देखभाल अच्छे से करें और इसका बेहतर ख्याल रखे हैजैसे अपनी सभी कीमती चीजों का बेहतर खयाल रखते हैं।



आंखों की रोशनी हम कैसे बढ़ाए 

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हम बादाम, चने का साग गाजर का रस या पालक का रस पी सकते हैं जो हमारे शरीर को काफी सहायता प्रदान करेंगे। भोजन के बाद लघु शंका करके पानी से आंखों पर छीटें मारना आंखों के लिए बहुत लाभदायक होता है रोजाना आवला खाएं और उसके पानी से आंखों को धोएं। रोज सुबह हरी घास पर चलें। नींबू का रस अथवा त्रिफला से आंखे धोने पर अगर आपकी आंखों में मोतियाबिंद की शुरुआत हो रही है तो वह पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

आँख आने पर आप इसका इलाज कैसे करें

तीन-चार दिन का फलाहार, साथ में एक दो बार अनिमा और दो बार आंखों तथा पेट पर गीली मिट्टी की पट्टी करें। त्रिफला के पानी से आंखें धोए। दिन में चार-पांच बार लोशन डालें जिससे आपकी आंख आना बंद हो जाएगी।

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आंखों के लिए लोशन कैसे बनाएं?

आंखों के लिए लोशन बनाने के लिए आप 10 ग्राम गुलाब जल ले और उसमें 10 ताजे नींबू का रस और शहद की 10 बूंदें डालें और इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर कांच की शीशी में रख लें इसे 5 से 6 बूंदे दिन में तीन बार ड्रापर से डालें जिससे आंखों की रोशनी बढ़ेगी। हर 3 दिन के बाद एक नया लोशन बनाकर कांच की शीशी में रखें और उसका इस्तेमाल करें। जिससे आपकी आंखों में काफी प्रभाव देखने को मिलेगा आंखों की रोशनी बढ़ने लगेगी

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आंखों में जलन आंखों में दर्द

दोस्तों अगर आपकी आंखों में जलन हो या दर्द हो रही हो तो कच्चे आलू को छीलकर उसे पीसकर उसकी टिकिया बनाकर आंखों पर बांधे। आंवले का रस निकालकर उसे छानकर  उसकी तीन-चार बूंदे आंखों में डालने से आंखों का दर्द सही हो जाता है।

रतोंधी रोग कैसे दूर करें

प्याज का रस या अदरक का रस आंखों में टपकाएं या फिर रात को सोते समय शहद को काजल की तरह आंखों में लगाने से रतोंधी रोग में काफी फायदा मिलेगा।

इसके अलावा आपको किसी भी तरह का कोई भी नेत्र रोग हो तो आप प्रतिदिन सुबह गाय के ताज़े मूत्र की 2-3 बूंदे चालीस दिनों  तक अपनी आंखों में डालें। जिससे आपकी आंखों का दर्द, खुजली एवं अन्य कई तरह के रोग दूर हो सकते हैं। आँखों से चश्मा भी हट सकता है। दोस्तों नेत्र रोग में नमक मना होता है।

दोस्तों  नेत्र रोग को दूर करने का देसी इलाज इस लेख में है लेकिन किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से  आपको दी गई है। यह जानकारी  ऑनलाइन  अथवा ऑफलाइन  सोर्सेस पर  आधारित है,धन्यवाद।

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