पानी कब पियें? पानी कब न पीयें? पानी कितना पीना चाहिए? पानी कब अधिक पीये? पानी कैसे पीयें? पानी को शुद्ध करने का आसान तरीका क्या है? आईये इस लेख में जाने और पानी द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ उठायें।
मनुष्य के शरीर में लगभग 75% पानी है। हमारे शरीर मे हरदिन लगभग 2600 ग्राम पानी खर्च होता है। गुर्दे से 1500 ग्राम, त्वचा से 650 ग्राम, फेफड़ो से 320 ग्राम और मल मार्ग से 130 ग्राम, जिसकी पूर्ति भोजन में रहने वाले जल से होती है। शरीर मे पानी का संतुलन बनाये रखने के लिए हरदिन कम से कम 2.5 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। पानी कभी एक साथ नही पीना चाहिए। पानी हमेशा धीरे और घूँट-घूँट पीना चाहिए। जिससे पानी शरीर के तापमान के अनुसार पेट मे पहुंचे।
पानी को शुद्ध करने का आसान तरीका:
पानी को शुद्ध बनाये रखने के लिए उसमे तुलसी के पत्ते डालकर रखें। तुलसी में बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो पानी को शुद्ध बनाये रखने में मदद करता है।
पानी कब पियें?
भोजन से पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कम हो जाती है, शरीर पतला हो जाता है। भोजन के बीच मे 5-6 घूँट पानी पीने से भोजन जल्दी पचता है। भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से शरीर फूलने लगता है जिससे मोटापा होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। शरीर मे पाचन क्रिया और शक्ति कम हो जाती है। भोजन के एक घंटे बाद पानी पीने से अमाशय को शक्ति मिलती है। जिन्हें दस्त ज्यादा आते हैं उन्हें भोजन करते समय पानी नही पीना चाहिए।
पानी कब न पीयें?
गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा, ककड़ी खाने के बाद, सोकर उठने के तुरंत बाद चाहे दिन हो या रात, दस्त हो जाने के बाद, दूध या चाय लेने के बाद, धूप से आने के तुरंत बाद पानी नही पीना चाहिए।
पानी कितना पीना चाहिए?
हमे कम से कम आठ लीटर पानी पीना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक अगर आप पानी पीने की सही मात्रा जानना चाहते हैं तो अपने शरीर के वजन को 0.55 से गुणा करने पर जो भी माप आएगी पानी की वही मात्रा आपके लिए अच्छी है। अगर आप शारिरिक मेहनत ज्यादा करते हैं तो 0.66 से गुणा करने पर आए मापदंड का पानी आपके लिए अच्छा है।बीमारी के समय भी पानी पीना चाहिए। जिससे आपके शरीर मे ठंडक पहुंचे और शरीर के सभी सिस्टम सही काम करे।
पानी कब अधिक पीये?
हाई ब्लड प्रेशर, लू लगने पर, पेशाब की बीमारी, बुखार, हृदय की धड़कन, कब्ज, पेट की जलन जैसे रोगों में पानी अधिक पीये।
पानी कैसे पीयें?
ग्लास त बर्तन को मुंह से लगाकर ही पानी पीना चाहिए। ऊपर से सीधा मुंह मे डालना पानी पीने का सही तरीका नही है इससे पेट मे बीमारियों की संभावना बनी रहती है। बिना मुंह लगाए ऊपर से पानी पीने से पेट मे मुंह से लेकर गुदा द्वार तक के आहार नली में वायुदोष मतलब गैस बनती है और वायु ऊपर उठकर बद हजमी, खट्टी डकार, अपच, जी मचलाने जैसी बीमारियां हो जाती हैं। ग्लास को मुंह से लगाकर पानी को हमेशा घूँट घूँट कर ही पीना चाहिए जिससे अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है।
नोट:
दी गयी जानकारी अनेक सोर्स पर आधारित है। इन उपायों को करने से पहले डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
मनुष्य के शरीर में लगभग 75% पानी है। हमारे शरीर मे हरदिन लगभग 2600 ग्राम पानी खर्च होता है। गुर्दे से 1500 ग्राम, त्वचा से 650 ग्राम, फेफड़ो से 320 ग्राम और मल मार्ग से 130 ग्राम, जिसकी पूर्ति भोजन में रहने वाले जल से होती है। शरीर मे पानी का संतुलन बनाये रखने के लिए हरदिन कम से कम 2.5 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। पानी कभी एक साथ नही पीना चाहिए। पानी हमेशा धीरे और घूँट-घूँट पीना चाहिए। जिससे पानी शरीर के तापमान के अनुसार पेट मे पहुंचे।
पानी को शुद्ध करने का आसान तरीका:
पानी को शुद्ध बनाये रखने के लिए उसमे तुलसी के पत्ते डालकर रखें। तुलसी में बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो पानी को शुद्ध बनाये रखने में मदद करता है।
पानी कब पियें?
भोजन से पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कम हो जाती है, शरीर पतला हो जाता है। भोजन के बीच मे 5-6 घूँट पानी पीने से भोजन जल्दी पचता है। भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से शरीर फूलने लगता है जिससे मोटापा होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। शरीर मे पाचन क्रिया और शक्ति कम हो जाती है। भोजन के एक घंटे बाद पानी पीने से अमाशय को शक्ति मिलती है। जिन्हें दस्त ज्यादा आते हैं उन्हें भोजन करते समय पानी नही पीना चाहिए।
पानी कब न पीयें?
गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा, ककड़ी खाने के बाद, सोकर उठने के तुरंत बाद चाहे दिन हो या रात, दस्त हो जाने के बाद, दूध या चाय लेने के बाद, धूप से आने के तुरंत बाद पानी नही पीना चाहिए।
पानी कितना पीना चाहिए?
हमे कम से कम आठ लीटर पानी पीना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक अगर आप पानी पीने की सही मात्रा जानना चाहते हैं तो अपने शरीर के वजन को 0.55 से गुणा करने पर जो भी माप आएगी पानी की वही मात्रा आपके लिए अच्छी है। अगर आप शारिरिक मेहनत ज्यादा करते हैं तो 0.66 से गुणा करने पर आए मापदंड का पानी आपके लिए अच्छा है।बीमारी के समय भी पानी पीना चाहिए। जिससे आपके शरीर मे ठंडक पहुंचे और शरीर के सभी सिस्टम सही काम करे।
पानी कब अधिक पीये?
हाई ब्लड प्रेशर, लू लगने पर, पेशाब की बीमारी, बुखार, हृदय की धड़कन, कब्ज, पेट की जलन जैसे रोगों में पानी अधिक पीये।
पानी कैसे पीयें?
ग्लास त बर्तन को मुंह से लगाकर ही पानी पीना चाहिए। ऊपर से सीधा मुंह मे डालना पानी पीने का सही तरीका नही है इससे पेट मे बीमारियों की संभावना बनी रहती है। बिना मुंह लगाए ऊपर से पानी पीने से पेट मे मुंह से लेकर गुदा द्वार तक के आहार नली में वायुदोष मतलब गैस बनती है और वायु ऊपर उठकर बद हजमी, खट्टी डकार, अपच, जी मचलाने जैसी बीमारियां हो जाती हैं। ग्लास को मुंह से लगाकर पानी को हमेशा घूँट घूँट कर ही पीना चाहिए जिससे अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है।
नोट:
दी गयी जानकारी अनेक सोर्स पर आधारित है। इन उपायों को करने से पहले डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
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