Saturday, 27 August 2022

नीलिमा- एक खतरनाक औरत

 अमावस्या की रात 

Nilima-Ek Khatarnak Aurat


Next Scene

एक औरत जब सुबह तालाब में से डुबकी लगाकर निकलती है  वह अपने सर के बालों से गिर रही लाल बूंद जब देखती है तो चौंक जाती है वह अपने सर पर हाथ लगाती है तो देखती है कि यह पानी नहीं  खून है फिर एक नज़र अपने शरीर पर डालती है उसका शरीर पूरा खून से नहाया होता है और हाथों से और पुरे शरीर से पानी की जगह खून टपक रहा होता है तभी उसकी नज़र उस तालाब पर जाती है जो कि पानी की जगह खून में बदला चुका था वो एकदम से घबरा जाती है और  बहुत जोर से चिल्लाती है कि पुरे आस पास के माहौल में उसकी आवाज गूंज उठती है की तभी  एक औरत के हंसने की आवाज उसके कानों में पड़ती है और वो तुरंत  उस तालाब से निकलने के  लिए भागती है  कि तभी जैसे ही वह तालाब के बाहर कदम रखती है कि अचानक उसके पैरों के नीचे कोई छोटा पत्थर आता है और फिसल कर वापस उसी तालाब के किनारे पानी में जा गिरती है एक बार फिर सन्नाटा पुरे माहौल में छा जाता है तभी उस औरत के हंसने की डरावनी आवाज से उसकी रूह काँप उठती है

Nilima-Ek Khatarnak Aurat Hindi Horror Story



वो फिर से भागने के कोशिश करती है

Nilima-Ek Khatarnak Aurat Hindi Horror Story


तभी अचानक किसी औरत के हाथ बहार निकलते हैं और उसके पैरों को खींच लेते हैं और वह वापस उस तालाब में जा गिरती है  इसबार वो हाथ उसका सर पकड़कर उसे पानी में डूबा रहे होते हैं वह जोर जोर से बचाने के लिए चिल्लाती है फिर कुछ मिनट में एकदम से सन्नाटा छा जाता है


फिर कुछ देर बाद उस औरत की लाश तालाब के पानी के ऊपर तैरते हुए दिखाई देती है फिर  एक हंसी  की आवाज़ 

तभी गांव वाले वहां आ जाते हैं वहां काफी भीड़ इक्खट्ठा हो जाती  है 

एक औरत  जोर जोर से रो रही  होती है 

औरत- अरे मेरी बच्ची को क्या हो गया? अरे किसने किया ये सब, मैंने पहले ही कहा था अब इस जगह से पानी लेना  ठीक नहीं है ये  तालाब श्रापित हो चूका है कुछ औरतें उसे चुप करा रही होती  हैं उसे सांत्वना दे रही होती हैं वो लड़की और कोई नहीं गांव के मुखिया की बेटी होती है वो सरपंच भी रो रहा होता है 

तभी अचानक एक जोरदार हवा चलने लगती  है वो मरी हुयी लड़की पानी के ऊपर उठ खड़ी होती है वह अपने सर को जोर से झटकती है और उसके बाल हवा में उड़ रहे होते हैं उसकी आँखें बड़ी बड़ी और लाल हो चुकी होती हैं और वह जोर जोर से हंस रही होती है उसका यह रूप देख उसकी मां  बेहोश हो जाती है और  गांव की औरतें और बच्चे  बहुत डर  जाते हैं

वो लड़की-पहचाना नहीं तुमने हा हा हा! मैं नीलिमा हूँ, नीलिमा! वही नीलिमा जिसको तुम गांव वालों ने इसी पानी में डूबा कर मार दिया था 

मैंने  कहा था न, मैं फिर वापस आयूंगी, तुम सब से बदला लेने, तुममे से कोई भी नहीं  बचेगा, कोई भी नहीं सब मरोगे, सब के सब मारे जाओगे  

हा हा हा, वो जोर  जोर से हंसने लगती है और  फिर वह लड़की बेसुध होकर गिर जाती है  उसकी लाश पानी के ऊपर फिर से तैरने लगती है

To Be Continue...

Written by

Sandeep Kumar Ram Sunder


Tuesday, 6 July 2021

चीखती पटरियां

 

Disclaimer:

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हिंदी हॉरर स्टोरी में हमारी कहानी काल्पनिक और सत्य घटना पर आधारित हो सकती है मगर हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना अथवा अंधविश्वास फैलाना नहीं बल्कि आपका एंटरटेनमेंट करना है इसलिए अगर कोई गलती हो जाये तो उसे इग्नोर करे और हमारी कहानी के साथ आगे बढ़ें धन्यवाद !

रात के लगभग ढ़ाई बजे थे  मैं पैदल चलते चलते काफी थक चुका था  हवा बिलकुल भी नहीं चल रही थी  मुझे काफी पसीना आ गया था मेरी अंदर की बनियान काफी गीली हो गयी थी और माथे से भी पसीना निकल कर मेरे  चेहरे के दोनों साइड टपक रहा था लेकिन यह पसीना मुझे पैदल चलने के वजह से नहीं आया था बल्कि डर और घबराहट की वजह से आया था । मेरे दिल की धड़कने और तेज़ हो गयी  मैंने खुद को संभालने की  कोशिश की  मैंने कसम खायी थी चाहे जो भी हो जाये । मैं पलट कर नहीं देखूंगा । मैं जोर जोर से हनुमान चालीसा पढ़ने लगा मुझे हनुमान चालीसा ठीक से याद नहीं थी क्यूंकि मैं ज्यादा पूजापाठ नहीं करता लेकिन जो भी याद थी उसे तेज़ तेज़ जोर जोर से पढ़ने लगा अचानक एक जोर की चीख मेरे कानों में पड़ी जैसे किसी लड़की ने मेरे दाएं कान में कस कर चिल्लाया हो और तभी मेरी आँखों के आगे अँधेरा छा गया । मैं वही गिर गया 

Horror sound effect

Hindi Horror Story India 2021


नमस्कार दोस्तों मैं हूं पंकज मैं मुंबई सेंट्रल के एक स्टील कंपनी में ऑफिस असिस्टेंट का काम करता हूं कहानी पिछले साल की है लगभग तीन चार महीने तक लगातार लॉक डाउन होने की वजह से मेरे सारे पैसे खत्म हो चुके थे अगर मुझे पहले से पता होता कि लॉक डाउन इतना लंबा चलेगा तो मैं गांव निकल जाता लेकिन मैं इंतजार करता रहा कि लॉक डाउन अब खुले अब खुले और तीन चार महीने बीत गए और वापस जाने के लिए ट्रेन की टिकट भी नहीं मिल रही थी, मेरे लिए सभी रास्ते बंद थे इसलिए मैंने यही पर समय बिताना बेहतर समझा मुझे गांव से भी वापस आने के लिए कॉल आ रही थी लेकिन गांव जाने का एक आदमी का किराया 5000 रुपये था, जोकि इतना ज्यादा था कि मैं वो खर्च नहीं उठा सकता था 5000 रुपये में तो मेरा परिवार एक महीना गुजारा लेता था यहाँ रहकर तो मैं फिर भी बच सकता था लेकिन अगर गाय भैंसों की तरह ठूसकर अगर ट्रक में गया तो जरूर कोरोना की मौत मरूंगा इसलिए मैंने यहीं रहना बेहतर समझा 

हर तरफ बस इंसान की मजबूरी का फायदा उठाकर लोग लुटने में लगे थे यह सोचकर मैंने अपना समय मुंबई में ही निकाला अब लॉक खुल चुका था और कंपनियां चालू हो चुकी थी और काफी लंबे समय के बाद ऑफिस खुलने की वजह से काम काफी ज्यादा बढ़ चुका था इसलिए मैं दो-चार दिन से लगातार लेट हो रहा था मेरी जेब में पैसे ना होने की वजह से मुझे पैदल ही आना पड़ा लगातार 4 महीने तक लॉक डाउन होने की वजह से मेरे सारे पैसे खत्म हो गए थे मकान मालिक का किराया भी बाकी हो गया था रेलवे स्टेशन तक पहुंचते-पहुंचते लगभग 1:30 बज चूका था I मैंने सोचा कि क्यों ना सुबह तक इंतजार कर लिया जाए सुबह 4:00 बजे की ट्रेन पकड़ कर मैं अपने घर गोरेगांव स्टेशन निकल जाऊंगा काफी समय तक मैं वहीं स्टेशन पर बैठा रहा फिर स्टेशन की सारी लाइटें एक एक करके बंद हो गयी 

अब बस एक ही लाइट जल रही थी वहां कुछ ही देर में कुछ भिखारी और टपोरी टाइप के लोग आ गए और एक एक सीट पकड़कर लेट गए जिसे सीट नहीं मिली वह जमीन पर ही चद्दर बिछाकर लेट गया 

मैंने देखा एक आदमी जो गन्दी सी जीन्स पहने हुए था ऊपर उसके बदन पर कोई भी कपड़ा नहीं था उसकी दाढ़ी बड़ी बड़ी थी उसके बाल भी काफी बड़े और बिखरे हुए थे ऐसा लग रहा था वह एक साल से नहाया नहीं है वह थोड़ा पागल टाइप का दिख रहा था इतनी गर्मी में भी वो कम्बल लेकर चल रहा था, मुझे देखते हुए वह मेरी तरफ धीरे धीरे बढ़ने लगा 

मुझे थोड़ी घबराहट हुयी कि कहीं वो मुझे मारने न लगे मैं उस सीट से उठ खड़ा हुआ, जहाँ बैठकर मैं अपने मोबाइल में ब्राउज़िंग कर रहा था मेरे उठते ही वो उस सीट पर आकर ऐसे लेट गया जैसे कि हर पब्लिक प्रॉपर्टी पर बस इन्ही लोगों का कब्ज़ा है उसने मुझे कुछ नहीं किया मैंने राहत की सांस ली फिर मैं पीछे की दीवार पर अपनी पीठ टिका कर खड़ा हो गया और फिर से ब्राउज़िंग करने लगा, बीच बीच में मैं एक दो बार अपने चारो तरफ भी देख लेता था 

मुझे इस सन्नाटे में थोड़ा डर भी लग रहा था आज शुक्रवार का दिन था मैंने न्यूज़ पढ़ी कि सेटरडे संडे भी लॉकडाउन रहेगा और कोई भी ट्रेन या बस नहीं चलेगी ट्रेन और बस मुंबई की जान है जो कभी बंद नहीं होती लेकिन अगर दोनों बंद हो जाए तो मुंबई पूरी तरह रुक जाती है 

अब मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं बचा था और मैंने उनकी तरफ देखा जहां 2-4 टपोरी एक साथ बैठे हुए थे और वह मुझे बार बार देख कर आपस में बातें कर रहे थे जैसे कि वह सब मुझे लुटने का प्लान बना रहे थे 

तभी मैंने दो आदमियों को झोला टांगे पटरी के रास्ते से अपने घर की तरफ जाते देखा मैंने भी तय कर लिया कि यहां सुबह तक रुकने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि मुझे सुबह में पैदल ही जाना पड़ेगा और अगर मैं यहां रुक गया तो हो सकता है यह लोग मेरे बचे पैसे छीन ले और मेरा मोबाइल भी छीन ले अभी मैंने 4 महीने पहले नया मोबाइल लिया था जो कि लगभग 15000/- का था काफी मशक्कत के बाद मैं एक नया मोबाइल ले पाया था इस वजह से मैं उसे खोना नहीं चाहता था 

मैंने तय किया कि मैं भी इसी रास्ते से घर पैदल ही निकल जाता हूं चाहे जितनी रात हो जाए रोड पर गाड़ियों की आवाज आने से ऐसा लगता है कि मुंबई अभी भी जाग रही है और हमें जरा भी अकेलापन महसूस नहीं होता है ना ही कोई डर लगता है लेकिन आज ऐसा हुआ था कि रोड पर से कोई गाड़ी की आवाज नहीं आ रही थी और सभी तरफ लाइटें बंद थी कहीं कहीं पर एक-दो ही लाइट जल रही थी जिससे मुझे थोड़ा डर महसूस होने लगा और मैं उस रास्ते की तरफ देखने लगा जहां से वो लोग अपने घर की तरफ निकले थे  मैं भी घर की तरफ निकल पड़ा वो दोनों आदमी इतनी जल्दी कहाँ गायब हो गए कुछ पता नहीं चल रहा था दूर दूर तक पटरी पर कोई नज़र नहीं आ रहा था 



मुंबई में गोरेगांव स्टेशन में मैं अपने चाचा के साथ रहता हूं मेरे चाचा सब्जी बेचने का काम करते हैं और मेरे गांव में मेरे मम्मी पापा और छोटी बहन रहते है आर्थिक तंगी और मेरे शहर में एक अच्छा रोजगार ना मिल पाने की वजह से मैं मुंबई आया था मुझे अपने चाचा के रिफरेंस से एक स्टील कंपनी में एक ऑफिस असिस्टेंट का काम मिला था जहां मेरी सैलरी 15000 रुपये थी यहां काम करने की वजह से मैं कुछ पैसा अपने घर पर भी भेज देता था अब मेरे माता पिता काफी खुश रहते थे 

मैं हॉरर फिल्में बहुत ज्यादा देखता हूँ ख़ास तौर पर विक्रम भट्ट की फिल्में, इसलिए अंधेरे में अकेले चलने की वजह से मुझे एक डर सा महसूस होने लगा और मुझे हॉरर फिल्मों के भूतों की शक्ल धीरे-धीरे याद आने लगी जिससे मेरी घबराहट और बढ़ने लगी मुझे अपनी परछाई से भी डर लग रहा था और मुझे बार-बार ऐसा लग रहा था कि कहीं कोई भूत मेरे सामने आकर न खड़ा हो जाए मेरे रोंगटे खड़े हो चुके थे लेकिन मैं अपने कदम लगातार बढ़ाता ही जा रहा था 

Chikhati Patariyaan


कुछ दूर चलने पर मुझे बरगद का घना पेड़ दिखा रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ कई सारे पेड़ होने की वजह से वहां अँधेरा और भी ज्यादा घना था मैंने लोगों से सुना था बरगद के पेड़ पर भूतों का बसेरा होता है बगल में कब्रिस्तान रेलवे की दीवार के उस पार साफ़ दिखाई दे रहा था जहाँ पर बहुत से क्रॉस उन कब्रों पर लगे हुए थे मैंने तय किया चाहे जो भी हो जाए मैं पलटकर नहीं देखूंगा अब तक मैं कई स्टेशन पार कर चूका था मैं थोड़ा तेज़ चल रहा था अब मैंने खार स्टेशन पार किया था 

पैदल चलते चलते मैं काफी थक गया था क्यूंकि मैं कभी इतना ज्यादा पैदल नहीं चलता हवा बिलकुल भी नहीं चल रही थी मुझे काफी पसीना आ गया था मेरी अंदर की बनियान काफी गीली हो गयी थी और माथे से भी पसीना निकल कर मेरे चेहरे के दोनों साइड टपक रहा था लेकिन यह पसीना मुझे पैदल चलने के वजह से नहीं बल्कि डर और घबराहट की वजह से आया था 

मैं जोर जोर से हनुमान चालीसा पढ़ने लगा मुझे हनुमान चालीसा ठीक से याद नहीं थी क्यूंकि मैं ज्यादा पूजापाठ नहीं करता लेकिन जो भी याद थी उसे तेज़ तेज़ जोर जोर से पढ़ने लगा अचानक एक जोर की चीख मेरे कानों में पड़ी जैसे किसी लड़की ने मेरे दाएं कान में कस कर चिल्लाया हो और तभी मेरी आँखों के आगे अँधेरा छा गया मैं एकदम से घबरा गया मेरे दिल की धड़कने भी बहुत तेज़ हो गयी और मैंने अपने चलने की स्पीड बढ़ा दी

2-4 मिनट बीता ही था कुछ दूर चलने के बाद मुझे ऐसा लगा की अब सब ठीक हो गया मैंने राहत की सांस ली कि तभी मुझे ऐसा महसूस हुआ कि किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा मैं थोड़ा रुक गया ऐसा लगा कि कोई मुझसे कुछ बोलना चाहता है मुझसे कुछ कहना चाहता है लेकिन मैंने उसे इग्नोर किया और पलट कर नहीं देखा मैंने धीरे-धीरे हनुमान चालीसा पढ़ना चालू किया फिर कुछ लोगों की चीखने की आवाज़ मुझे सुनाई देने लगी जिसमे कुछ औरतें भी थीं मुझे वैसे भी किसी का रोना पसंद नहीं है खास तौर से किसी औरत का इसलिए मुझे कफी बुरा लग रहा था और बार बार पलटकर देखने का मन कर रहा था फिर एकदम से सन्नाटा छा गया कुछ दूर चलने के बाद मुझे वह आवाज़ें फिर से सुनाई पड़ने लगी जो अब और भी तेज़ सुनाई दे रही थी ऐसा लग रहा था की एक दो नहीं बल्कि 40-50 लोगों की भीड़ एक साथ हो 

कोई बोल रहा था-“भैया.. भैया मुझे बचा लो, मुझे घर ले चलो मेरा खून काफी बह चूका है अब मैं नहीं बचूंगी मेरा 6 महीने का बच्चा है मेरी पति अपंग है मेरे बाद कौन चलाएगा मेरा परिवार” कोई दर्द से चिल्ला रहा था-“कोई मुझे बचा लो मैं अभी मरना नहीं चाहता मेरी अभी अभी शादी हुयी है मेरे बूढ़े माँ बाप को कौन सहारा देगा मैं ही उनका इस बुढ़ापे का आखिरी सहारा हूँ” 

कोई औरत रोते हुए बोल रही थी-भैया मैं मरना नहीं चाहती जब तक मेरी बेटी की शादी नहीं हो जाती, मेरे पति नहीं हैं मेरे बाद कैसे होगी मेरी बेटी की शादी, कोई मेरी मदद करो और वह बेबसों की तरह चिल्ला चिल्ला कर रोने लगती है 

और एक ही जगह पर कई सारे आदमी और औरत काफी जोर जोर से रोए जा रहे थे कोई दर्द से कराह रहा था कोई रो रहा था 

सभी मदद की गुहार लगा रहे थे उनकी आवाज में एक दर्द था मैंने हनुमान चालीसा पढ़ना चालू रखा, उनकी बातों को इग्नोर किया, लगातार आगे बढ़ता रहा और पलटकर नहीं देखा

काफी देर चलने के बाद मुझे महसूस हुआ कि वह आवाजें बिल्कुल बंद हो गई मैं लगातार आगे बढ़ता रहा कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक स्टेशन आने वाला है जहाँ कुछ लाइट्स जल रही थी मैंने राहत की सांस ली मैं लगातार आगे बढ़ता रहा फिर कई स्टेशन निकल गए 

लगभग 1 घंटे के बाद गोरेगांव स्टेशन आ गया है मैं तब तक हनुमान चालीसा पढ़ता रहा जब तक कि मैं गोरेगांव स्टेशन नहीं पहुंच गयाI स्टेशन के बाहर निकलते ही मैं सामने वाले हनुमान जी के मंदिर गया जूते उतारे और घंटा बजाया और पेट के बल लेटकर दंडवत प्रडाम किया और उन्हें धन्यवाद दिया फिर पैदल ही घर निकल गया मैं काफी थक चूका था घर पहुंचते ही मैंने अपने जूते निकाले, चटाई बिछाई और सो गया I

मैं अगले दिन सुबह 11:00 बजे उठा अभी भी मैं कल रात के वाकये को भूल नहीं पाया था अभी भी वो औरतों और लड़कियों के रोने का दर्द मेरे कानो में गूंज रहा था मैं जल्दी से फ्रेश हुआ फिर मैंने कॉफी बनायीं फिर लैपटॉप निकल कर सर्चिंग में लग गया, आखिर ऐसा क्या हुआ था वहां? क्यों आती हैं आज भी औरतों और बच्चों के चीखने चिल्लाने की आवाज़? मैंने पाया कि मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट में जो लोग मरे गए थे यह उन्ही लोगों की रूहें हैं जो आज भी वहां भटकती हैं और मदद की गुहार लगाती हैं कुछ लोगों ने लिखा था यह सब बकवास है 

दोस्तों इंसान की इच्छाशक्ति उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है मैंने अपने डर और इमोशन पर काबू करके यह जीत हासिल की थी और एक बार भी मैंने पलट कर नहीं देखा था मैं खुद को काबू करके लगातार आगे बढ़ता रहा इस वजह से मैं अपने घर तक पहुंच पाया

दोस्तों आप कोई भी कार्य करें तो अपनी इच्छाशक्ति को काफी मजबूत रखें जिससे आप अपने कार्य में सफलता जरूर पाएंगे यह कहानी आपको कैसी लगी कमेंट सेक्शन हमें जरूर बताएं 


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Disclaimer: इस कहानी का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है यह कहानी Entertainment purpose से बनाई गई है जो कि मात्र एक कल्पना पर आधारित है

तो मिलते हैं एक और नए एपिसोड में एक नई कहानी के साथ तब तक के लिए

सतर्क रहिए सुरक्षित रहिए

जय हिंद 

https://www.amazon.in/hz/audible/mlp?ie=UTF8&ref=assoc_tag_sept19%3Factioncode%3DAINOTH066082819002X&tag=eworld0a2001-21
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Written By

Sandeep Kumar Sunder

 

Saturday, 3 July 2021

Hindi Horror Story Haunted School

August Ka Mahina tha aaj sham ko 5:00 Baje do ghante Tak bahut Tej Barish hui thi. Talab se medhakon ke tartarane Aur jhadiyon se jinguron ki awaaz aas pass ke area se itani tez aa rahi thi ki, jaise koi aur hai hi nahi, yahan inke alawa. Doston Hamara School Aise Jagah per hai Jahan 10 kilometre Tak koi bhi Abadi Nahin Hai isliye Jab Hawa bhi Chalti Hai to aisa lagta hai ki jarur koi hai...

Hindi Horror Story Haunted School


Hamare school ke piche ki bayundry se sata hua ek Highway hai. Jahan per Aksar youngster ladkiyon ke sath apni gadi Mein Romance karne ke liye Aate Hain. 

Raat Ke lagbhag 10 baje the, Watchman apni duty per tha Uske Hath Mein Ek Torch light aur bada sa danda aur munh me siti thi. Wo school mein Charo Taraf siti bajata hua school ke ek kinare se dusare kinare par walk karte huye apni duty de raha tha.

Duty dete huye watchmen ne us deewar ki taraf dekha jisake theek piche highway ki sadak hai. (wahan se koi boundry fand kar ander dakhil hua hai.) Phir jaise wah apna agla kadam age badhata, usaki nazar Kichad me sane juton ke nishan par padi. Un keechad me sane juton ke nisshaan dewar aur jameen par saaf dikhayi de rahe the. Watchmen jhat se samajh gaya ki jarur koi aaj dewaar phaandkar school me dakhil hua hai. Watchmen ne us nisshaan ka picha kiya to dekha wo keechad ke nisshaan sidhiyon ki taraf badh rahe the. Watchmen un kadmon ka Picha karte hue school ki Chat tak pahunch gaya Jo ki panchvi Manzil par tha.

Hindi Story


Usne Dekha  blue Jeans Aur Safed shirt mein Ek Ladka school ki boundary ke Kinare Khada Hai Aur Upar aasman ki taraf dekh raha hai aur wah Usko Awaaz dene hi wala tha tabhi ek jordaar hawa Chali aur use laga ki Uske alava Koi Aur bhi hai yahan,  Achanak usne Dekha ek admi jisane apna pura shareer kale kapde(Black gown) se dhaka hua hai dheere dheere usaki taraf badh raha Hai. Watchmen ne usko awaz deni chahi tabhi achanak us kale saye ne usaki taraf dekha ki tabhi Watchmen ne Khud ko chupa liya aur dekhne Laga Ki Aakhir Ho Gaya Raha Yahan?

Wah Kale kapde se dhaka hua aadami bahut hi Dheere Dheere us ladke ki taraf Badh Raha Tha, jaise ki usne hi us ladke ko milane ke liye Bulaya ho. Wah ladka apne dono haath apni kamar par rakhe huye, kafi khushnuma aandaj me aasman ki taraf dekhe jaa raha tha. Wo kala saya us ladke ke thik piche Aakar chup chaap ruk gya. Phir wo ladka jaise hi piche palta Watchmen ne dekha Us kale kapdon se ek pair bahar nikala. Chand ki us roshani me wo khubsurat gore pair bilkul chandi ki tarah chamak rahe the. Us ladake ne uske pairon ko Bina palak jhapakaye kuch is tarah dekhane lga ki jaise usane koi khajana dekh liya ho jo use milane hi wala hai lekin isase pahle ki wah kuch samajh pata ki achanak us ladke ke Seene Par Ek jordar laat padi aur wah ladka seedha school ki chat se niche jaa gira.

Horror Hindi Story


Watchmen jor se chilaya oye! kuan hai wahan. tabhi us kale saye ne jhatke se usaki taraf dekha achanak ek hawa ka jordaar jhoka aya aur us tez hawa ke saath wah kala kapda hawa me ud gaya. Watchmen chilla to raha tha lekin usake munh se awaz nahi nikal pa rahi thi. Kyunki watchmen ne jo dekha us par yakeen nahi ho raha tha Us kale kapde ke udate hi wo admi bhi hawa me gayab ho gya tha.

Watchmen ne jo dekha khud par yakeen nahi kar paa raha tha. Wo bhagta hua niche aya to usane dekha ladka jameen par mara pada hai. usaki safed shirt khoon se sani hai aur sar ke piche jameen par kafi khun bikhra pada hai. usne us ladke ke haath ki nas ko chua to samajh gya wo mar gya hai 

Watchmen turant bhagta hua phone ke pass gaya aur usane police ko call lagya, 

dusari taraf se awaj aa rahi thi- hello"Police Station, Helloo kaun hai?"

Watchmen bol to raha tha lekin usaki awaj bahar nahi aa paa rahi thi. call disconnect ho gya. Phir usne principal ko call lagaya principal ne phone uthaya usne bola hello kaun hai?

kisase baat karni hai watchmen Ne fir se do teen bar koshish ki, Kuchh bolane ki, lekin Jab Koi Jawab Nahin Aaya to call disconnect Ho Gaya

Horror sound effect

Subah Ho Gayi morning wala  security guard bahadur duty per aaya aur usne Dekha ki Gate Khula hai. Usne apni Najar School ke chron taraf daudayi. Usne Dekha Watchmen Ek Deewar ke Kone Mein sar jhuka ye Baitha Hai aur Akele hi Akele Kuchh BadBada raha hai.

Bahadur usake pass aya aur bola abe yahan kya baitha hai? Raat me jyada chadha li kya? usne Koi Jawab Nahin Diya. bahadur ne usake kandhe ko pakadkar use jo se hilaya. abe bhutani ke kitti pi li raat me? 

Watchmen ne apna sar dheere dheere upar kiya uske baal bikhre hue the, aur Aakhein bhi badi badi Ho Gai thi jise dekh wo ghabra gaya, usane apni khartarnak tani huyi akhon se usaki taraf dekha aur Koi Jawab Nahin Diya bus Apna sar jhukakar hath uthakar ek Taraf ishara kiya. 

Bahadur bhaag kar us taraf gya.bahadur ne Dekha ke kisi ladke ki laash niche Jameen par padi hui hai aur Charo Taraf Khoon bikhra pada hai uski Safed shirt khoon se Sani hui hai aur Sar Ke Piche Jameen par pada khun jamkar Kala ho chuka tha. usne school ki Chhat ki taraf dekha aur vah samajh gaya ki wah Jarur Upar Se Gira hai. Bahadur ne daud Kar police ko phone kiya aur principal ko bhi inform kiya. 

Kuch der bad vahan per kafi bheed lag gai.Wahan per police aur ambulance bhi aa Gai aur sath mein principal aur kuch teacher bhi aa gaye.

police watchmen Ramlal se kuch puchane ki koshish kar rahi thi lekin wah Apne Sar Jhukakar baitha tha aur Pagal Ki Tarah Badbada raha tha-"wo kala saya kisi ko bhi nahi chodega. principle tum school band kar do nahi sab maroge. Haa Haa Haa sab maroge koi bhi nahi bachega. aur behosh ho gya. wahan ambulance ke saath aye ek doctor ne bola shayad inhe koi sadma lga hai inhe hospital le jana padega. use ilaaz ke liye aur lash ko portmartem ke liye ek hi ambulance me le gaye.

lagbhag 5 ghante baad hospital ke room ke bahar kuch Police wale khade the tabhi ek wardboy akar police ko btata hai sahab pateint ko hosh aa gaya hai ab aap uska bayan le sakte hain

Police wale aur ek inspector vahan room mein gaye aur enquiry shuru kar di lekin Ramlal Ne Jo bataya uspar police Walon Ko yakin Nahin hua aur bakwas maan baithe. Kuchh Dinon Tak is murder ki enquiry Chali aur bad mein suicide ghoshit kar diya Gaya aur case closed Ho Gaya.

Thursday, 30 April 2020

इरफ़ान की जीवनगाथा(बायोग्राफी) टेलेविज़न शो और फ़िल्म अवार्ड:

 नमस्कार दोस्तों बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान को बहुमुखी प्रतिभा का कलाकार कहा जाता है, 29 अप्रैल 2020 को उनकी मौत हो गई। खबरों के अनुसार वह  न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी बीमारी से पीड़ित थे। दोस्तों इरफान खान एक ऐसे कलाकार थे जिन्हें जब भी कोई रोल मिला उसे उन्होंने बहुत ही बारीकी से अपने अंदर तराशा और दुनिया के सामने पेश किया।

Irrfan Khan in Chandrakanta Show
Irrfan Khan in Chandrakanta Show


इरफ़ान का टेलेविज़न शो का सफ़र:
इरफान खान को यूं तो ज्यादातर लोग बॉलीवुड फिल्मों से जानते हैं लेकिन बॉलीवुड फिल्मों से पहले वह भारतीय टेलिविजन इंडस्ट्री में भी काम कर चुके हैं 1986 में श्याम बेग्नल द्वारा निर्देशित धारावाहिक“कथा सागर”(1986), 1994 में "द ग्रेट मराठा" जिसके मुख्य कलाकार शाहबाज खान थे उनके साथ उन्होंने काम किया। इसके अलावा दूरदर्शन पर चलने वाला सुपरहिट शो 'चंद्रकांता"(1994-1996) जो कि कई सालों तक दूरदर्शन चैनल की रौनक बना रहा उसमें भी इरफान खान ने जबरदस्त किरदार पेश किया उन्होंने इस धारावाहिक में Double रोल करके दो जुड़वा भाईयों बद्रीनाथ/सोमनाथ का जो किरदार निभाया वह बहुत ही सराहनीय रहा इसमें एक भाई सही तो दूसरा negative रोल में था। इरफान ने 'जय हनुमान' एवं अनेकों  टीवी शो में काम किया जोकि काफी हिट रहे। अपने किरदार को बहुत ही खूबसूरती से निभाने  के कारण बहुत जल्द वह टेलेविज़न शो से फिल्म इंडस्ट्री में आ गए।

Irrfan Angrezi Medium Movie
                                     Irrfan Angrezi Medium Movie



इरफ़ान खान का बॉलीवुड फिल्मों का सफ़र:
1988 में "सलाम बॉम्बे" फिल्म से इरफ़ान से  बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की इन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में अलग अलग बहुत ही अतरंगी किरदार को भी निभाया। Qissa(2014) फिल्म में जो अभिनय इरफ़ान से दिखाया वह तारीफ के काबिल था और किसी भी साधारण कलाकार के लिए संभव नहीं था जिसके लिए उन्हें Indian International Film Festival of Queensland से बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला। इरफान खान एक ऐसे कलाकार थे जिन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए न किसी खूबसूरत चेहरे की जरूरत पड़ी और न ही six pack  बॉडी बनाने की, उन्होंने बॉलीवुड की एक से एक बेहतरीन हीरोइन के साथ काम किया। सुपरस्टार शाहरुख़ खान के साथ “Billu Barber” फिल्म में एक नाई का किरदार किया जिसमें लारा दत्ता ने इरफ़ान की पत्नी का किरदार किया था।
सात खून माफ(2012)
सात खून माफ(2012)


प्रियंका चोपड़ा के साथ गुंडे(2015), सात खून माफ(2012) में काम किया ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म जज्बा(2018),  कंगना रनौत के साथ Knock out(2010), मल्लिका शेरावत की फिल्म HISS में काम किया। इरफ़ान ने कई फिल्मों जज्बा, गुंडे(2015), HISS में police officer का रोल किया इरफ़ान शुरू से ही अच्छे किरदार पाने के धनी थे और उनकी कुशलता उसमें और भी चार चाँद लगा देती थी। इरफ़ान ने Maqbool. Lunchbox, Piku इसके अलावा कई ऐसी फिल्में बॉलीवुड को दी जिनके जरिए लोग हमेशा उन्हें याद रखेंगे। Piku में इरफ़ान से महानायक अमिताभ बच्चन जी के साथ काम किया । 2020 में release हुई "अंग्रेजी मीडियम" फिल्म उनकी आखिरी फिल्म बन गयी।

Irrfan Movie Slumdog Millionaire
Irrfan Movie Slumdog Millionaire


इरफ़ान का हॉलीवुड फिल्मों का सफ़र:

वैसे तो बॉलीवुड एक्टर के लिए हॉलीवुड फिल्मों में एक छोटा सा रोल मिलना काफी बड़ी बात होती है लेकिन इरफ़ान खान इस दौड़ में भी सबसे आगे रहे उन्होंने Hollywood Movies में सिर्फ काम ही नहीं किया बल्कि अहम किरदार निभाया Tom Hunk की Inferno, जुरासिक पार्क, Life of Pie, Slumdog Millionaire, जैसी hollywood  फिल्म में जो काम किया वह काफी सराहनीय है इन फिल्मों के जरिए उन्होंने सारी दुनिया को यह बता दिया की भारत में भी हुनर की कमी नहीं है।

फ़िल्मी अवार्ड:
Irrfan Khan
Irrfan Khan

इरफ़ान को साल 2011 में पद्मश्री अवार्ड मिला 2013 में आई फिल्म “पान सिंह तोमर” के लिए उन्हें Best Actor, Screen Award, National Film Award, Film Fare Award से सम्मानित किया गया 2014 में “Asian Film Award Best Actor” फिल्म “Lunch Box” के लिए मिला 2017 में Dubai International Film Festival Lifetime Achievment Award से नवाज़ा गया इसके अलावा और भी बहुत से अवार्ड इरफ़ान ने अपने नाम से दर्ज किए हैं। 


इरफ़ान की निजी जिंदगी:
इरफ़ान खान का जन्म 7 January 1967 को जयपुर राजस्थान में हुआ और इरफ़ान की मृत्यु 29 April 2020 दिन बुधवार को मुंबई में कोकिलाबेन धीरुभाई अम्बानी हॉस्पिटल एवं मेडिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट में हुई इरफ़ान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी बीमारी से लड़ रहे थे और उनकी आंतों का संक्रमण भी हो गया था। उनकी पत्नी का नाम सुतापा सिकदर है  इरफ़ान खान के दो बेटे बाबिल और अयान हैं जो कि मुंबई में उनके साथ ही रहते थे उनकी एक ख़ास बात यह थी कि एक मुस्लिम परिवार में पैदा होने के बाद भी उन्होंने कभी मांस नहीं खाया। वह काफी अच्छे इंसान भी थे उनके साथ काम करने वाले सभी co-actor को इरफ़ान के साथ काम करके कुछ नया सीखने को मिलता था यही उनके व्यक्तित्व और उदारता का सबसे बड़ा उदहारण है।

COVID-19 के चलते साल 2020 दुनिया के लिए कहर बनकर टूटा है। जहां हर दिन अख़बारों और न्यूज़ चैनल में लोगों के मरने की खबर आ रही है वहां एक और दुखद समाचार ने बॉलीवुड इंडस्ट्री और हम सभी को झकझोर कर रख दिया है ऐसे में मैं आप सभी से यही कहूंगा कि घर पर रहें सुरक्षित रहें।

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Thursday, 12 March 2020

घरेलू उपचार द्वारा यौन रोगो का निवारण कैसे करे एवं वीर्य कैसे बढ़ाएं

वीर्य कैसे बढ़ाएं
सुबह नाश्ता में केला, 10 ग्राम देसी घी के साथ खाकर ऊपर से दूध पिए। दोपहर के बाद दो केले, आधा खजूर, एक चम्मच देसी घी खाकर ऊपर से दूध पिए। आपके वीर्य में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। दूध में शहद में मिलाकर पीने से वीर्य बढ़ता है

शुक्राणु कैसे बढ़ाए?
दूध वाले रोज दूध में उबालकर खाएं और दूध पीना शुक्राणुओं की संख्या अपने आप बढ़ने लगेगी।



मर्दाना शक्ति कैसे बढ़ाएं?
गर्म दूध में एक चम्मच घी मिलाकर रोज सोते समय 2-3 महीने तक पिए कुछ समय बाद प्रभाव अपने आप सामने दिखेगा।

दूध द्वारा यौनेच्छा को हम कैसे बढ़ाएं?
3 माह तक लगातार रात्रि को दूध पीने से यौनेच्छा  के साथ  काम क्रिया  की अवधि में भी वृद्धि होती है। 25 से 45 वर्ष के आयु के स्त्री पुरुषों केे लिए यह विधि काफी लाभदायक होगी।यौन एवं रति रोग विशेषज्ञ  डॉ वीरेंद्र सिंह के परीक्षण के अनुुुसार वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं पूर्ण रूप से स्वस्थ किंतु ठन्डेपन के शिकार अनेक जोड़ों को दूध सेवन के उपरांत यौन क्रिया के प्रति अति उत्साही पाया। इस नतीजे पर पहुंचे हैंं कि  दुुध पीना न केवल साथ शारिरिक दुर्बलता बल्कि योन संबंधी दुर्बलता के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।

Tuesday, 10 March 2020

नमक हमारे शरीर को किस प्रकार प्रभावित करता है? और इसके दुष्परिणाम क्या हैं?

नमक ज्यादा खाने के दुष्परिणाम क्या हैं?
आवश्यकता से अधिक खाने पर आपकी पाचन प्रणाली को खराब कर देता है और पाचक रसों को भी खत्म कर देता है इसके अधिक सेवन से पाचन संस्थान को काफी नुकसान पहुंचता है पाचन संस्थान के नाजुक झिल्लियों में घाव भी हो सकते हैं। आपके शरीर में कई तरह के रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं।

अधिक नमक खाने से प्यास ज्यादा लगती है। जिससे गुर्दे  का कार्य बढ़ जाता है। उसे क्षति पहुंचती है जिससे गुर्दे के रोग हो जाते हैं। गुर्दे की क्षमता से अधिक मात्रा में नमक शरीर में पहुंचने पर पैरों के निचले भाग में यह जमा होकर सूजन एवं दर्द पैदा कर देता है। यह हृदय की गति और रक्तचाप को भी बढ़ाता है।

प्राचीन काल में चीन के लोग नमक का घोल पी कर आत्महत्या कर लिया करते थे। इसके विशैले प्रभाव से जानवर भी मर सकते हैं। इसके अधिक प्रयोग से कई व्यक्तियों के बाल गिर जाते हैं या फिर जल्दी सफेद भी हो जाते हैं। नमक के अधिक इस्तेमाल से पेशाब में एल्ब्यूमिन बढ़ जाता है। बहुत अधिक नमक वाली भूमि पर कोई पैदावार भी नहीं होती है इसके अधिक सेवन से कैंसर, मोटापा, मधुमेह, जुखाम अनिद्रा जैसे रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

नमक कौन सी बीमारियों में वर्जित है?
गठिया, दाद, खाज, सफेद कुष्ठ एवं अन्य चर्म रोग चेचक, जलोदर लीवर की खराबी, गुर्दे की बीमारी, पीलिया,रक्त विकार, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, निमोनिया, प्लूरिसी, ब्राइट टाइफाइड, दमा, बेहोशी, मरगी, पागलपन, हिस्टीरिया जैसी बीमारियों में नमक बंद कर दें तो जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।

छाती संबंधी सर्जरी के प्रमुख सर्जन Sayer Bach के अनुसार असाध्य रोग के 450 रोगियों को नमक इन भोजन करने पर चार को छोड़कर सभी पूरी तरह से ठीक हो गए।

दा न्यू डाइटेटिक्स के लेखक डॉ जे एच कैलाग के अनुसार शरीर में नमक जब अधिक संग्रहित हो जाता है तो अधिकांश व्यक्तियों में जलोदर के लक्षण सामने आ जाते हैं।

डॉक्टर लेस्से हेस्सेल की सलाह के अनुसार गर्भावस्था के अंतिम दिनों में नारी को नमक कम खाना चाहिए नमक से टखनों के चारों ओर ऐडेमा(तरल संचय) का खतरा बढ़ जाता है।

तो दोस्तों जैसा कि आपने इस लेख में पढ़ा कि नमक की ज्यादा मात्रा खाने से हमारे शरीर मे अनेक तरह की बीमारी हो सकती है। वहीं एक्सपर्ट नमक के बारे में कुछ सुझाव भी देते हैं।

किस प्रकार का नमक खाना हमारे शरीर के लिए लाभदायक है?

जार में पैकटों में बिकने वाला नमक खाने की बजाय अगर आप नमक के टुकड़ों को पीसकर कम मात्रा में ही खाएं। और धीरे धीरे इसे छोड़ने की कोशिश करें तो आपके शरीर मे बीमारियां कम होंगी।


किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से  आपको दी गई है। यह जानकारी  ऑनलाइन  अथवा ऑफलाइन  सोर्सेस पर  आधारित है,धन्यवाद।

Saturday, 7 March 2020

नेत्र रोग को दूर करने के लिए आंखों का व्यायाम कैसे करें?

नमस्कार दोस्तों! प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें। आँखों के रोग कैसे दूर करें। आँखों से चश्मा कैसे हटाये। इस बारे में हम इस लेख में बात करेंगे।

How-To-Remove-Spectacles-From-Your-Eyes?

ईश्वर ने हमें शरीर में जितने भी अंग दिए हैं उनमें सबसे खूबसूरत अंग है हमारी आंखें,  जो कि हमारे चेहरे को भी खूबसूरत बनाती हैं लेकिन अगर इन आंखों पर चश्मा लगा हो या किसी तरह की कोई बीमारी हो तो यह आपकी खूबसूरती को बर्बाद कर देता है। तो क्यों ना हम इस ईश्वर के दिए गए वरदान को  बनाए रखें  और उसकी देखभाल करें। जिससे हमारे चेहरे की खूबसूरती हमेशा बनी रहे।



प्राकतिक चिकित्सा द्वारा आंखों की देखभाल कैसे करें?
आँखों के रोग कैसे दूर करें? आँखों से चश्मा कैसे हटाये?

दोस्तों नेत्र रोग को आप नेत्र व्यायाम के द्वारा भी ठीक कर सकते हैं घर से सुबह बाहर जाने के समय और शाम को वापस आने पर ठंडे पानी को मुंह भरकर ठंडे पानी से दोनों आंखों पर पानी के छींटे मारें और धीरे-धीरे मालिश करें।

कभी भी पीठ को हल्का झुका हुआ न रखें।मोटरसाइकिल पर बैठे हों या बाइक चला रहे हो या कहीं पर भी बैठे हो या खड़े हों या चल रहे हों आप हमेशा पीठ की हड्डी को सीधा रखें।
पढ़ाई करते समय, थिएटर में या टीवी देखते समय पलके बार-बार झपकाने से आँखों का अच्छा व्यायाम होता है।



इसके अलावा कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं पढ़ते समय या ऑफिस में काम करते समय या क्लास में  अगर आपकी आंखें थक जाती हैं थोड़ा आराम करना चाहते हैं तो आंखों पर हथेली रखकर आराम करें जैसे आंखों की  अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है।

हरे रंग की बोतल में पानी भरकर सूर्य की धूप में हल्का गर्म होने दें उसके बाद आंखों की पलकों(eye cup) में डालकर 5 से 6 बार आंखें बंद करें और खोलें। इसके अलावा आप सूर्य को देखें और सूर्य नमस्कार करें ऐसा करने से आंखों में तमाम तरह के रोग दूर होते हैं और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

पूर्णवासी को चंद्रमा को 15 मिनट तक देखें जिससे आंखों के तमाम तरह पुराने से पुराने रोग दूर हो जाते हैं।

How-To-Remove-Spectacles-By-Walking?


सुबह सुबह हरी घास पर जिसपर ओस की बूंदें जमा हो जाती है नंगे पांव टहलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

गर्दन सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दांयी ओर और  फिर बायीं ओर करें उसके बाद गर्दन को आगे फिर पीछे की ओर झुकें। आंखों की पुतलियां को दायी तरफ और फिर बायी तरफ करिए फिर एकदम नीचे धरती की ओर उसके बाद दोनों आंखों के बीच में और नाक के ऊपर ऊपर माथे के नीचे द सेंटर पॉइंट होता है वहां पर देखने की कोशिश करें।

इसीप्रकार आँखों की पुतलियों दायें से बाएं और बाएं से दायें गोल गोल घुमाएं। और फिर पुतलियों को ऊपर से नीचे फिर तिरछे कानों की ओर देखिए।

How-To-Take-Care-Your-Eyesight?


रोज सुबह सूरज के सामने बैठकर या दोनो पैरों के बीच 1 फुट की दूरी रखकर खड़े होकर आंखें बंद करके दाएं बाएं बाएं से दायें घड़ी के पेंडुलम की तरह घूमे।

कानों, कनपटी, गर्दन, गाल, भोहों, सिर एवं पाँव आदि पर मालिश करने से नेत्र के तमाम तरह के रोग दूर हो जाते हैं। भोजन के बाद जब आप हाथ धुले तो गीले हाथों को आपस मे मलकर फिर अपनी आंखों पर मलने से तमाम तरह के आंखों के रोग दूर हो जाते हैं।

किसी भी जानकारी को अपने जीवन में उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें यह जानकारी शिक्षा की दृष्टि से  आपको दी गई है। यह जानकारी  ऑनलाइन  अथवा ऑफलाइन  सोर्सेस पर  आधारित है,धन्यवाद।


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